मंगलवार, 20 मार्च 2012

केंद्र पर नार्थ ईस्ट को नजर अंदाज करने का आरोप


नई दिल्ली। असम गण परिषद के सांसद और नार्थ ईस्ट एमपी फोरम के महासचिव बिरेन बैश्य ने केंद्र पर उत्तर पूर्वी राज्यों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र उनके साथ में सौतेला व्यवहार कर रहा है। बिरेन ने मंगलवार को सदन में प्रधानमंत्री के बयान का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र की गलतियों का खामियाजा उत्तर पूर्वी राज्यों को भुगतना पड़ रहा है।
बिरेन ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान और प्रधानमंत्री के धन्यवाद भाषण के दौरान भी उत्तर पूर्वी राज्यों के बारे में कुछ नहीं कहा गया। उनकी समस्याओं पर केंद्र का कोई ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र उत्तर पूर्वी राज्यों में चीन और बांग्लादेश द्वारा की जा रही घुसपैठ पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। इसकी वजह से इन राज्यों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
असम गण परिषद के सांसद ने कहा कि चीन की सेना लगातार अरुणाचल प्रदेश में अपने सीमा क्षेत्र का उल्लंघन कर रही है, इसके बाद भी केंद्र खामोशी से सब कुछ देख रहा है। बिरेन ने प्रधानमंत्री के बयान का विरोध करते हुए कहा कि चीन के उत्तर पूर्व की गंगा कही जाने वाली नदी ब्रह्मपुत्र की धारा बदले जाने पर भी केंद्र खामोशी से सब कुछ देख रहा है। लेकिन इससे वहां की जनता को नुकसान हो रहा है। उन्होंने चीन के अतिक्रमण और अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताए जाने और ब्रह्मपुत्र का पानी रोके जाने को एक बड़ा मुद्दा बताया।
बीजेपी के सांसद बिजोया चक्रवर्ती ने भी एजीपी के सांसद की बात का समर्थन करते हुए कहा कि चीन लगातार भारतीय सीमा क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहा है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की तरफ से हो रही घुसपैठ को रोकपाने में वहां मौजूद सीआरपीएफ के जवान नाकाम साबित हो रहे हैं। जिसके लिए जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
असम गण परिषद की ही अन्य सांसद जोसफ टोपनो ने कहा कि केंद्र सरकार उत्तर पूर्वी राज्यों में बसे आदिवासियों के विकास की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है।

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