मंगलवार, 7 अप्रैल 2009

ना चाहते हुए भी बन गए ना पप्‍पू


कमल कान्‍त वर्मा
अब सभी स्‍टार खिलाडियों के नाम बदले जाने के दिन हैं। वजह बना है आईपीएल। आईपीएल के चलते इन खिलाडियों के पीछे ना चाहते हुए भी पप्‍पू का तमगा लग गया है। बडे से बडा खिलाडी भी अब इस तमगे को लगाने से बच नहीं सकता है।


क्‍या आप पप्‍पू हैं, क्‍या आप पप्‍पू बनना चाहते हैं क्‍योंकि पप्‍पू वोट नहीं देता। यदि आपसे पूछा जाए तो जवाब मिलेगा नहीं। भली ही आप वोट ना डालें। मगर जब कुछ ऐसी बडी हस्तियां ही पप्‍पू बनने की फैरिस्‍त में शामिल हों जो आपके आदर्श हो सकते हैं तो क्‍या फिर भी आपका जवाब यही होगा। जीहां ऐसा ही कुछ हो रहा है इस बार अपने भारतीय खिलाडियों के साथ, जो ना चाहते हुए भी पप्‍पू बन गए हैं। इसके पीछे वजह बना है आईपीएल पार्ट टू। हर छोटे बडे सवालों का जवाब देकर आईपीएल पार्ट टू को साउथ अफ्रिका में करवाने वाले मोदी ने यह नहीं सोचा कि इससे भारतीय खिलाडियों की साख पर पप्‍पू कहलाने का क्‍या असर पडेगा। यह तो हमें भी नहीं पता है कि अब पप्‍पू बन चुके यह खिला‍डियों ने पहले कभी वोट दिया है या नहीं।

मगर एक बात तो सच है कि आईपीएल का रूख करने वाले खिलाडियों में भले ही पानी पिलाने वाला खिलाडी ही शुमार क्‍यों ना हो मगर वह आज पप्‍पू बन गया है। आईपीएल पार्ट टू को भारत में होने वाले चुनावों को देखते हुए ही बाहर कराने का मन बनाया गया था। मगर यह बात किसी के जहन में नहीं आई कि टीवी और रेडियो पर लगातार अपने को पप्‍पू ना बनने देने के लिये आने वाले विज्ञापनो पर इसका क्‍या फर्क पडेगा। इसके चलते जागो रे डॉट कॉम तो पूरी तरह से सो ही जाएगी क्‍योंकि यूवाओं को चुनाव के लिये जगाने वाली यह वेब साईट तो एक तरह से बेकार ही हो गई। भई जहां पर आम लोगों के स्‍टार खिलाडी पप्‍पू बनने की फैरिस्‍त का हिस्‍सा हों तो फिर भला वो कैसे पीछे हो सकते हैं। अब तो कुछ ना कुछ जरूर होकर ही रहेगा।

इन पप्‍पूओं को पप्‍पू बनने से रोका जाए इसके लिये भी किसी तरह का कोई इंतजाम चुनाव आयोग या फिर आईपीएल ने नहीं किया है। तो कैसा होगा यदि मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन को सचिन तेंदुलकर उर्फ पप्‍पू, भारतीय क्रिकेट टीम में द वाल के नाम से मशहुर राहुल द्रविड को राहुल द्रविड उर्फ पप्‍पू समेत दूसरे खिलाडियों को भी पप्‍पू कहकर पुकारा जाएगा।

1 टिप्पणी:

Satish Chandra Satyarthi ने कहा…

मजाक मजाक में ही बहुत बड़ा मुद्दा उठाया है आपने.
इस पर वाकई विचार की ज़रूरत है.