शनिवार, 11 अप्रैल 2009

झटके पे झटका, झटके पे झटका आखिर कब तक



झटका मीट शॉप। यह नाम है आने वाले आईपीएल का जो हमनें दिया है। अरे भई इस बेचारी आईपीएल को इतने झटके खाने पड रहे हैं कि इससे बेहतर नाम और कुछ हो ही नहीं सकता है। आने वाले दिनों में और देखते हैं कि इसको क्‍या कुछ सहना पडेगा। 

कमल कान्‍त वर्मा 

झटके पे झटका झटके पे झटका आखिर कब तक। आईपीएल को तो अपने नए सीजन में पता नहीं कितने ही झटके सहनें होंगे। पहले जगह बदलने का झटका, फिर पाकिस्‍तानी खिलाडियों को हटाने का झटका, कभी उनके चुनौती देने का झटका। और इन सभी से निजाद मिली तो अब स्‍टेडियम मै बैठने का ही झटका आईपीएल को लग गया। ये जोर का झटका घीरे से आखिर कब तक लगता रहेगा।

आखिर इस आईपीएल को कब तक सहन करने होंगे ये झटके। इतने झटकों से ऐसा लग रहा है जैसे आईपीएल 2 झटका मीट शॉप बन कर रह गई हो। अब कोई ये कहे कि खिलाडियों के बैठने को लेकर भला क्‍या झटका आईपीएल को लगा है। तो हुआ यूं है जनाब कि न्‍यूलैंडस जहां पर आईपीएल के शुरूआती मैच खेले जाने हैं वहां मौजूद सूइटस के सदस्‍यों ने कह दिया है कि वह अपनी जगह खाली नहीं करेंगे। तो भला फिर आपके और हमारे आईपीएल खिलाडी मैदान की सूखी और गीली घास को अपनी बैठने की जगह बनाएंगे क्‍या। सवाल तो बडा होने के साथ साथ चुनौतीपूर्ण भी है। सूइटस का ख्‍वाब दिखाने वाली आईपीएल के सामनें तो यह नाक कटनें जैसी स्थिति हो गई है। आखिर करे तो क्‍या करे। मगर यदि कोई हमसे पूछे तो हम तो उन सदस्‍यों के ही साथ हैं भई। आखिर कुर्सी का मामला है। भला कोई कैसे छोड दे। कुर्सी है तो सब कुछ है कुर्सी नहीं तो कुछ भी नहीं।

आईपीएल ने आज कुर्सी मांगी है कल पता नहीं क्‍या मांग ले, कहना मुश्किल है। हालाकि मोदी साहब ने अब ने वहां के सदस्‍यों को सूइट खाली करने के लिये कुछ ख्‍वाब दिखाने शुरू कर दिये हैं। वो कहते हैं कि आप टैंट में बैठ जाओ हम तुम्‍हें टिकटें भी फ्री दे देंगे। इसके अलावा खाना भी मुफत मिलेगा। ऐसा लग रहा है कि जैसे भारत में होने वाली किसी रैली में भीड को जुटाने की मंशा से यह बातें कही जा रही हैं। क्‍या आपको ऐसा नहीं लगता है। अब तो खिलाडियों की स्थिति पर एक ताजा तरीन शेर याद आने लगा है। वो कुछ ऐसा है कि फुटपाथ हर सडक का है आशियां हमारा, रहने को घर नहीं है सारा जहां हमारा। देखते हैं कि कुर्सी का यह मामला आखिर किस तरफ जाता है। जैसे भारत में सभी चुनाव के दौरान दूसरे की कुर्सी खींचने में लगे हैं वैसा ही कुछ हाल इन दिनों न्‍यूलैंडस के स्‍टेडियम में चल रहा है। मानों मोदी कह रहें हो यह कुर्सी हमका दे ठाकुर। फिलहाल तो हमारी निगांहें भी इनकी कुर्सी मामले पर है आप भी जरूर निगाह रखियेगा। 

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