गुरुवार, 11 सितंबर 2008

धोनी पर आईसीसी के ताज को बनाए रखने की नई जिम्‍मेदारी


धोनी ने वनडे के प्‍लेयर ऑफ द इयर का खिताब क्‍या मिला कि उनके टेस्‍ट टीम का कप्‍तान बनने की बातों को और अधिक बल मिलने लगा। मगर आज धोनी को यह नई जिम्‍मेदारी संभाल कर रखनी होगी। यह जिम्‍मेदारी टेस्‍ट टीम के कप्‍तान बनने से कहीं अधिक बड़ी है कि क्‍या धोनी इस ताज को आगे भी बरकरार रख सकेंगे।

कमल कान्‍त वर्मा

धोनी एक बार फिर आईसीसी के लिये सरताज बनें। चौकनें वाली बात नहीं है। इससे पहले वह आईसीसी रेंकिंग में सरताज बने थे और अब आईसीसी पुरस्‍कार में वह वनडे के लिये प्‍लेयर ऑफ द इयर के खिताब से नवाजे गए। यही है धोनी की बादशाहत। धोनी ने क्रिकेट की दुनिया में अपना सिक्‍का चलाया है। अपने ही दम पर यह मुकाम हासिल करने वाला यह भारतीय टीम का कप्‍तान आज क्रिकेट की उंचाईयों को छू रहा है। हो भी क्‍यों ना आखिर यहां तक वह एक ही दिन में नहीं पहुंचा है। इस मुकाम तक आने में कई साल लगे हैं। धोनी को पहले उसके हेयर स्‍टाईल से जाना जाता था।

जरा याद किजिए पाकिस्‍तान का वह दौरा जब धोनी के हेयर स्‍टाइल की तारीख उस वक्‍त पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति परवेज मुशरर्फ ने भी की थी। मगर आज वह बालों को स्‍टाईल बदल चुका है। साथ ही बदल गया है धोनी का वह रूतबा जिसके लिये वह पहले जाने जाते थे। मतलब धोनी के बालों के साथ ही वह धोनी भी बदल गया जिसको प्रशंशक सिर्फ उसके हेयर स्‍टाईल के लिये जानते थे। आज धोनी को बेहतर कप्‍तान, बेहतर खिलाडी और बेहतर विकेट कीपर के तौर पर जाना जाता है। धोनी को अपनी युवा ब्रिगेड पर पूरा भरोसा है। यही वजह है कि वह इस ब्रिगेड में बदलाव करने या फिर प्रयोग करने से नहीं चूकते। फिर चाहे किसी की भी नाराजगी क्‍यों ना झेलनी पडे। शायद यही वजह रही होगी जो आज धोनी को टेस्‍ट क्रिकेट की कप्‍तानी की आवाजें चारों तरफ से आ रही हैं।

यह सही है कि धोनी मौजूदा टेस्‍ट कप्‍तान अनिल कुंबले से अनुभव में छोटे हैं, मगर अपनी जीत के लिये आक्रामकता उनमें साफ झलकती है। वहीं कुंबले बेहद विन्रम स्‍वभाव के खिलाड़ी हैं। बहरहाल टेस्‍ट का कप्‍तान कोई भी हो मगर यह साफ है कि दोनों ही खिलाडियों में अपने खेल के प्रति लगाव और जुनून दोनों ही हैं। भारत ही नहीं अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी अब इस बात पर विचार किया जा रहा है कि टेस्‍ट, वनडे, टी-20 की कप्‍तानी किसी एक को ही सौंपी जानी चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो धोनी पर जिम्‍मेदारी का भार कहीं ज्‍यादा बढ़ जाएगा। मगर सभी को उम्‍मीद है कि वह इसको संभाल सकेंगे। अभी भी टी-20 और वनडे की कप्‍तानी धोनी के ही पास है। धोनी के स्‍टार बनने में पहले भी कोई कसर नहीं थी मगर वह आज क्रिकेट के बडे ब्रांड बन गए हैं। दुनिया के बेहतरीन बल्‍लेबाजों की फैरिस्‍त में आना कोई मजाक तो नहीं है। इसका नशा भी गजब का होता है। साल भर के लिये धोनी उस मुकाम पर हैं जहां से उनको पूरा क्रिकेट जगत देख सकता है। मगर इस मुकाम को बनाए रखने की जिम्‍मेदारी भी अब कोई कम नहीं होगी। ऐवरेस्‍ट के इस शिखर पर धोनी से पहले भी कई खिलाड़ी पहुंच चुके हैं। मगर कितने इसको बनाए रखने में कामयाब हो सके इसकी गिनती कुछ में ही सिमट कर रह जाती है। धोनी के लिये यह जिम्‍मेदारी टेस्‍ट टीम का कप्‍तान बनने से कहीं ज्‍यादा होगी कि वह इस मुकाम को बचाकर रख सकें।

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