ग्यारह में चार ऐसे खिलाड़ी जो अपने टेस्ट करियर का आगाज आगामी ट्राफी से करेंगे आस्ट्रेलिया टीम में शामिल हैं। बडी बात यह नहीं है। बडी बात है कि यदि ऐसी टीम से भारत हार गया तो यह भारत के लिये बेहद शर्म की बात होगी। यह ट्राफी खेल के साथ शायद अपनी नाक बचाने की जुगत भी बन जाएगी।
कमल कान्त वर्मा
बोर्डर-गावस्कर ट्राफी से अपने टेस्ट करियर का आगाज करने वाले चार खिलाडी आस्ट्रेलिया की टीम में मौजूद हैं। यह चार खिलाडी इस बडी ट्राफी से अपना टेस्ट करियर शुरू कर रहे हैं। ये हैं डॉग बॉल्गिर, जेसन क्रेजा, ब्राइस मेक्गेन, पीटर सीडल। इन सभी ने अपने घरेलू मैदान पर मैच खेले हैं, मगर कहा जाता है कि क्रिकेट में टेस्ट फोरमेट सबसे अच्छा फोरमेट है। इस फोरमेट को क्रिकेट की जान भी कहा जाता है। आखिर इन खिलाडियों को कहीं ना कहीं तो शुरूआत करनी ही थी फिर ये ट्राफी भी क्या बुरी है। मगर यहां पर एक बात गौर करने वाली है। वह यह है कि ऐसी टीम जिसके ग्यारह खिलाडी भारत में कभी टेस्ट नहीं खेले और इसमें भी चार अपने टेस्ट करियर का आगाज कर रहे हों, भारत के लिये जीतना जरूरी होगा। मजे की बात यह है कि आस्ट्रेलिया ने इस टीम के साथ दोनों ही हाथों में लडडू ले लिये हैं। यदि वह सीरीज हारी तो बात आएगी की नौसीखिया टीम थी।
यदि टीम जीती तो कहा जाएगा कि नए खिलाडियों के साथ भी सीरीज जीतने का दम बस आस्ट्रेलिया में ही है। भारत के लिये यहां पर काले बादल घिरे जरूर दिखाई देते हैं। भारत की जीत यहां पर जरूरत नहीं बल्कि जरूरी है। भारतीय टीम को उधेडने वाले बहुत हैं। एक भी हार भारत की टीम की धज्जियां उधेड सकती है। सभी कहेंगे कि एक नौसीखिया टीम के हाथों भारतीय टीम हार गई। वो भी वो टीम जिसमें द वाल, लिटिल मास्टर, जम्बो जैसे खिलाड़ी मौजूद थे। हालाकि यह भी सच है कि श्रीलंका में यही जम्बों टीम श्रीलंका शेरों के आगे टूट गई थी। आस्ट्रेलिया टीम के मौजूदा ये चार खिलाडियों में से डॉग बॉल्गिंर और क्रेजा ने नार्थ साउथ वेल्स की तरफ से क्रिकेट खेला है तो ब्रेस मैक्गेन और सीडल ने विक्टोरिया की टीम की तरफ से खेल चुके हैं। यह सभी 23 से 36 साल की उम्र के बीच हैं। सबसे बुर्जुगवार खिलाडी और ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर मेक्गेन 36 साल के हैं।
जहां भारत में इस उम्र में खिलाडी रिटायर होने के करीब होते हैं वहीं यह ना सिर्फ अपने टेस्ट क्रिकेट का आगाज कर रहा है बल्कि वह भी भारत के साथ। इन खिलाडियों को जहां पूरा मौका है भारत के धुरंधरों के छक्के छुडाने का वहीं भारतीय खिलाडियों को इनसे बचते हुए अपनी लाज बचानी होगी। मेक्गेन पर इस ट्राफी में जिम्मेदारी बेहद बड़ी है क्योंकि उन्हें वार्न की कसर पूरी करने के लिये भेजा जा रहा है। अपनी भूमिका को सही से निभाने के लिये उनपर दबाव जरूर होगा। हालाकि आस्ट्रेलिया ने अभी से भारत पर यह कहकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है कि उनकी टीम अनुभवहीन है। वहीं भारत के सूरमां भी यह कहते नहीं चूक रहे हैं कि उन्हें आस्ट्रेलिया के नौसीखियों से कोई समस्या नहीं है। मैक्गेन आस्ट्रेलिया ए टीम में शामिल थे और उन्होंने भारत ए के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन भी किया था। यदि यह प्रदर्शन जारी रहा तो जरूर भारत के लिये परेशानी हो सकती है।
कमल कान्त वर्मा
बोर्डर-गावस्कर ट्राफी से अपने टेस्ट करियर का आगाज करने वाले चार खिलाडी आस्ट्रेलिया की टीम में मौजूद हैं। यह चार खिलाडी इस बडी ट्राफी से अपना टेस्ट करियर शुरू कर रहे हैं। ये हैं डॉग बॉल्गिर, जेसन क्रेजा, ब्राइस मेक्गेन, पीटर सीडल। इन सभी ने अपने घरेलू मैदान पर मैच खेले हैं, मगर कहा जाता है कि क्रिकेट में टेस्ट फोरमेट सबसे अच्छा फोरमेट है। इस फोरमेट को क्रिकेट की जान भी कहा जाता है। आखिर इन खिलाडियों को कहीं ना कहीं तो शुरूआत करनी ही थी फिर ये ट्राफी भी क्या बुरी है। मगर यहां पर एक बात गौर करने वाली है। वह यह है कि ऐसी टीम जिसके ग्यारह खिलाडी भारत में कभी टेस्ट नहीं खेले और इसमें भी चार अपने टेस्ट करियर का आगाज कर रहे हों, भारत के लिये जीतना जरूरी होगा। मजे की बात यह है कि आस्ट्रेलिया ने इस टीम के साथ दोनों ही हाथों में लडडू ले लिये हैं। यदि वह सीरीज हारी तो बात आएगी की नौसीखिया टीम थी।
यदि टीम जीती तो कहा जाएगा कि नए खिलाडियों के साथ भी सीरीज जीतने का दम बस आस्ट्रेलिया में ही है। भारत के लिये यहां पर काले बादल घिरे जरूर दिखाई देते हैं। भारत की जीत यहां पर जरूरत नहीं बल्कि जरूरी है। भारतीय टीम को उधेडने वाले बहुत हैं। एक भी हार भारत की टीम की धज्जियां उधेड सकती है। सभी कहेंगे कि एक नौसीखिया टीम के हाथों भारतीय टीम हार गई। वो भी वो टीम जिसमें द वाल, लिटिल मास्टर, जम्बो जैसे खिलाड़ी मौजूद थे। हालाकि यह भी सच है कि श्रीलंका में यही जम्बों टीम श्रीलंका शेरों के आगे टूट गई थी। आस्ट्रेलिया टीम के मौजूदा ये चार खिलाडियों में से डॉग बॉल्गिंर और क्रेजा ने नार्थ साउथ वेल्स की तरफ से क्रिकेट खेला है तो ब्रेस मैक्गेन और सीडल ने विक्टोरिया की टीम की तरफ से खेल चुके हैं। यह सभी 23 से 36 साल की उम्र के बीच हैं। सबसे बुर्जुगवार खिलाडी और ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर मेक्गेन 36 साल के हैं।
जहां भारत में इस उम्र में खिलाडी रिटायर होने के करीब होते हैं वहीं यह ना सिर्फ अपने टेस्ट क्रिकेट का आगाज कर रहा है बल्कि वह भी भारत के साथ। इन खिलाडियों को जहां पूरा मौका है भारत के धुरंधरों के छक्के छुडाने का वहीं भारतीय खिलाडियों को इनसे बचते हुए अपनी लाज बचानी होगी। मेक्गेन पर इस ट्राफी में जिम्मेदारी बेहद बड़ी है क्योंकि उन्हें वार्न की कसर पूरी करने के लिये भेजा जा रहा है। अपनी भूमिका को सही से निभाने के लिये उनपर दबाव जरूर होगा। हालाकि आस्ट्रेलिया ने अभी से भारत पर यह कहकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है कि उनकी टीम अनुभवहीन है। वहीं भारत के सूरमां भी यह कहते नहीं चूक रहे हैं कि उन्हें आस्ट्रेलिया के नौसीखियों से कोई समस्या नहीं है। मैक्गेन आस्ट्रेलिया ए टीम में शामिल थे और उन्होंने भारत ए के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन भी किया था। यदि यह प्रदर्शन जारी रहा तो जरूर भारत के लिये परेशानी हो सकती है।
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