आईसीसी के टी-20 वर्ल्डकप की जीत को एक साल पूरा हो गया है। मगर इस मैच की याद आज भी भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट प्रेमियों के जहन में ताजा है। मिसबाह को आज भी टी-20 फाइनल का वो आखिरी ओवर याद है। एक कैच ने इस मैच का रूख ही पलट कर रख दिया।
कमल कान्त वर्मा
टी-20 का वर्ल्ड कप फाइनल और आमने सामने चित परीचित अंदाज में भिडने वाली भारत और पाकिस्तान की टीमें। यह शाम इस वर्ल्ड कप के लिये बेहद अहम थी। पाकिस्तान जीत से सिर्फ 12 रन दूर था। मैच का आखिरी ओवर और खिलाडियों के साथ-साथ दर्शकों के माथे पर लकीरें साफ दिखाई दे रहीं थीं। किसी के हाथ भारत की जीत के लिये उठे तो किसी के पाकिस्तान की जीत के लिये। जोहन्सबर्ग के इस स्टेडियम ने दर्शकों में इतना उतावला पन शायद पहले कभी नहीं देखा हो। क्रीज पर मिसबाह-उल-हक के साथ दूसरे छोर पर मो. आसिफ डटे थे। जीतने का जज्बा पूरी तरह से दोनों खिलाडि़यों में दिखाई दे रहा था। वहीं महेन्द्र सिंह धोनी आखिरी को इस आखिरी समय में एक अदद अच्छे गेंदबाज की जरूरत थी। मिसबाह काफी हद तक जानते थे कि धोनी के पास जोगिंदर सिंह एक विकल्प के तौर पर मौजूद है। आखिरी ओवर में 12 रन की जरूरत को पूरा करने के लिये मिसबाह स्ट्राइक लेने के लिये पूरी तरह से तैयार थे।
जोगिंदर सिंह अपने ओवर की पहली गेंद फेंकी तो मिसबाह कुछ बीट हुए। इस गेंद के साथ दर्शकों की सांसे कुछ देर के लिये रूकी हुई थीं। धोनी के ज्यादातर फील्डर बाउंडरी की तरफ निगाह लगाए बैठे थे। जोगिंदर सिंह की दूसरी बॉल के साथ मिसबाह ने पूरी जान से बॉल को खिलाडियों के उपर से उठाकर बाउंडरी के बाहर फेंक दिया। मिसबाह के इस एक शॉट ने भारतीय खेमे में खलबली पैदा कर दी। जहां पाकिस्तान के प्रशंशक खुशी से उछल पड़े, तो वहीं भारतीय समर्थकों के चेहरे पर तनाव की लकीरें साफ दिखाई दे रहीं थीं। धोनी ने एक बार फिर जोगिंदर से बात की और अपनी पॉजीशन पर चले गए। जोगिंदर की तीसरी गेंद ने एक बार फिर से भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। यह बॉल वाईड थी। एक रन के इजाफे ने एक बार फिर से भारत की धडकनें तेज कर दीं। आखिरी ओवर ने वर्ल्ड कप के इस फाइनल को बेहद रोमांचक बना दिया था। भारतीय टीम की निगाह मिसबाह पर लगी थी। भारत को तो विकेट चाहिए था या फिर उनके लिये जरूरी था कि बाकी बची गेंदों पर कोई रन ना बन सके। पाकिस्तान को जीतने के लिये अब महज पांच रन चाहिए थे।
आखिरी ओवर की तीन बॉल फेंकी जानी बाकी थी। मिसबाह स्ट्राइक पर एक बार फिर से अपने आक्रामक मूंड में दिखाई दे रहे थे। जोगिंदर ने अपनी बॉल के लिये दौडना शुरू किया एक बार फिर से धड़कनों का उफान तेज हो गया था। जब तक बॉल ने क्रिज पर टप्पा खाया मिसबाह अपनी पॉजीशन मे आ गए थे। मिसबाह ने गेंद को फाईनलेग से स्कूप करने के प्रयास किया तो वह उनकी सोच से ज्यादा उपर बल्ले पर आ गई। नतीजा यह हुआ कि गेंद एक बार फिर से विकेट के पीछे उंची उछल गई। वहां विकेट के पीछे फाईन लेग पर मौजूद श्रीसंत ने इसको आसानी से अपने हाथों में ले लिया। इस एक कैच ने भारत को जहां जीत दिला दी तो वहीं पाकिस्तान को पहले टी-20 विश्व कप में हार देखनी पड़ी। श्रीसंत के हाथों में कैच जाने से पहले मिसबाह अपना दूसरा रन पूरा करने वाले थे। जैसे ही श्रीसंत के हाथों में बॉल पड़ी वहीं मिसबाह अपने को रोक नहीं पाए। इस कैच के साथ ही मिसबाह अपने बल्ले के सहारे पूरी क्रीज पर अकेले बेहद मायूस दिखाई दे रहे थे।
दूसरे छोर पर मौजूद आसिफ, मिसबाह के पास पहुंचे और उन्हें दिलासा दी। इस एक शॉट ने पाकिस्तान की किस्मत ही बदल कर रख दी। धोनी ने इस मैच के साथ अपनी कप्तानी को मजबूती दी। मिसबाह को अपने इस शॉट की उम्मीद नहीं थी। यह शॉट मिसबाह के लिये कभी ना भूलने वाला शॉट रहा। हाल ही में दिल्ली में हुए सुई नोर्दन गैस और दिल्ली के बीच हुए मैच के दौरान मिसबाह ने यह बात मानी कि यह शॉट उनके जीवन का ना भूलने वाला शॉट रहा। मगर मिसबाह को इस शॉट को लेने के लिये टीम के किसी सदस्य ने उन्हें दोष नहीं दिया। इस वर्ल्डकप को जीतने के साथ ही भारत ने अपने को वर्ल्ड चैंपियन बनाने का सपना भी संजो लिया।
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