रविवार, 14 सितंबर 2008

क्‍योंकि पैसा बोलता है.............

बीसीसीआई आज क्रिकेट जगत में सबसे अमीर बोर्ड है। यही वजह है कि इसकी तूती क्रिकेट जगत में बोलती है। आईसीसी बीसीसीआई की बात सु‍नती है। पहले कभी फुटबाल के मंहगे क्‍लब गिने जाते थे। वहीं अब उनमें क्रिकेट के नाम पर बीसीसीआई पहले नम्‍बर पर गिना जाता है।
कमल कान्‍त वर्मा
एक वक्‍त था जब आस्‍ट्रेलिया और इंग्‍लैंड सरीखे देशों की तूती क्रिकेट जगत में बोलती थी। वजह यह थी कि उनके पास पैसा था पावर थी। वक्‍त ने करवट ली और अब पैसा और पावर दोनों ही भारत आ गई। यही वजह है कि आज क्रिकेट जगत में बीसीसीआई की तूती बोलती है। आज हर कोई इस बात को मानता भी है। आईसीसी में यह बात उजागर है कि भारत में क्रिकेट एक पागलपन है। बाकी देशों की तरह सिर्फ एक खेल ही नहीं है। यहां पर लोग इसके दिवाने हैं। ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पाकिस्‍तान में भी ऐसा ही है।
बीसीसीआई आज की तारीख में सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड की श्रेणी में आता है। अपने दम पर बीसीसीआई फैसले लेने की हिम्‍मत भी रखता है। अब इस साल हुए आईपीएल को ही ले लिजिए। पूरी दुनिया में इसने टी 20 फोरमेट को जितनी तेजी के साथ रातों रात शोहरत दिलाई उतनी क्रिकेट के इतिहास में शायद ही किसी ने दिलाई हो। इसकी धूम इतनी हुई कि कुछ खिलाडियों ने इसको ओलंपिक में शामिल करने की वकालत तक कर डाली। यह और किसी का नहीं सिर्फ बीसीसीआई का ही कमाल था। कहने वालों ने कहा कि यह पैसे का खेल है। मगर खेल किसी का भी रहा हो देखने वालों ने इसमें पूरा मजा लिया।
अकेले आईपीएल में बीसीसीआई को 350 करोड का फायदा हुआ। भारत की क्रिकेट में तवज्‍जो का पता इसी से चलता है कि श्रीलंका अपने यहां पर भारत के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज कराकर इस लिये भी खुश थी कि भारत के इस दौरे से वह वित्‍तीय संकट से उबर पाएगी। आगामी चैंपियंस लीग में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा। इस 900 मिलियन डॉलर की लीग में बीसीसीआई आधे का हिस्‍सेदार होगा। धीरे धीरे भारत या कहें तो बीसीसीआई फुटबाल सरीखे मंहगें क्‍लब की ही तरह से गिनी जाएगी। अभी तक महंगे क्‍लब का तमगा सिर्फ फुटबाल क्‍लब के ही पास हुआ करता था। अब यह रूतबा बीसीसीआई के पास भी आ जाएगा। बीसीसीआई ने इसके चलते अपनी पैंठ आईसीसी में भी जमा ली है। आज हम उस मुकाम पर हैं जहां से हमें दुनिया देख सकती है और हम दुनिया को देख सकते हैं। मगर जितनी तेजी से हम आगे बढे हैं उतनी ही तेजी से चलते हुए हम कहीं ठोकर ना खा जाए इसका भी घ्‍यान रखना बेहद जरूरी है। किसी भी ताज को पाने से ज्‍यादा चुनौती उसको बचाए रखने की होती है।

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